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Home Loan: हाल के दिनों में मिडल क्लास परिवारों के लिए एक अच्छी खबर आई है। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में बड़ी टैक्स छूट का ऐलान किया। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की घोषणा की है, जिससे होम लोन उधारकर्ताओं को बहुत बड़ा फायदा होगा। यह कमी उधारकर्ताओं के लिए एक वित्तीय राहत के रूप में सामने आई है, क्योंकि इस बदलाव के बाद उनकी ईएमआई में भी कमी आएगी।
रेपो रेट में कमी से होम लोन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
रेपो रेट वह दर है, जिस पर रिजर्व बैंक बैंकों को पैसा उधार देता है। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों के पास सस्ते पैसे की उपलब्धता बढ़ जाती है और इसका फायदा वे ग्राहकों को कम ब्याज दरों के रूप में देते हैं। आरबीआई द्वारा 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी के बाद, होम लोन की ब्याज दरों में भी कमी आई है। इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जिन्होंने होम लोन लिया हुआ है।
इस लेख में हम जानेंगे कि इस कमी से होम लोन के उधारकर्ताओं को कितना लाभ होगा और खासकर उन लोगों के लिए क्या बचत होगी जिनके पास ₹50 लाख का लोन है।
बैंक बाज़ार के सीईओ ने की बड़ी घोषणा
बैंकबाजार.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए कहा कि, “यदि आपका होम लोन 20 साल का है और उस पर ब्याज दर 8.75 प्रतिशत है, और आप मार्च तक 12 ईएमआई चुका चुके हैं, तो अप्रैल से प्रभावी रूप से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी के बाद, प्रति लाख पर ₹8,417 की बचत होगी।”
आदिल शेट्टी के अनुसार, ₹50 लाख के लोन पर पूरे लोन अवधि के दौरान ₹4.20 लाख की बचत हो सकती है, यानी लगभग 10 ईएमआई कम हो सकती हैं। यह अनुमान इस बात पर आधारित है कि बाकी सभी पैरामीटर स्थिर रहेंगे। इसके साथ ही, जिन ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर मजबूत है, वे 50 बेसिस प्वाइंट्स तक की और भी कम ब्याज दर पर लोन लेने के विकल्प तलाश सकते हैं।
₹50 लाख के लोन पर बचत की गणना
आदिल शेट्टी ने आगे कहा, “यदि ब्याज दर 8.25 प्रतिशत होती है, तो प्रति लाख ₹14,480 तक की बचत हो सकती है। अगर यह ब्याज दर 1 अप्रैल से लागू होती है, तो उधारकर्ता को ब्याज पर प्रति लाख ₹3,002 की बचत हो सकती है। यानी ₹50 लाख के लोन पर दूसरे साल तक ₹1.50 लाख की बचत हो सकती है।”
यह बचत केवल ब्याज दर में कमी के कारण हो रही है। अगर उधारकर्ता ने पहले से लोन लिया हुआ है तो वह इस नई कम दर का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, कम ब्याज दरों के कारण उधारकर्ता का मासिक भुगतान (ईएमआई) भी कम होगा, जिससे उन्हें वित्तीय राहत मिलेगी।
हाउसिंग लोन पर ब्याज दरों में कमी का प्रभाव
होम लोन के मामले में ब्याज दरों में कमी का प्रभाव बहुत बड़ा होता है। जैसे-जैसे ब्याज दरों में गिरावट आती है, वैसे-वैसे उधारकर्ताओं के लिए ईएमआई की राशि घटने लगती है, जिससे उनका वित्तीय बोझ कम होता है। इससे न केवल उधारकर्ताओं को राहत मिलती है, बल्कि वे अपनी मौजूदा ईएमआई को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप उनकी बचत भी बढ़ सकती है।
नए होम लोन उधारकर्ताओं के लिए लाभ
जो लोग नए होम लोन लेने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह समय बहुत उपयुक्त हो सकता है। जब ब्याज दर कम होती है, तो नए होम लोन की मासिक ईएमआई भी कम हो जाती है। इससे होम लोन के उधारकर्ताओं को दीर्घकालिक लाभ हो सकता है, क्योंकि कम ब्याज दर पर लोन लेने से वे कम कुल ब्याज चुकाएंगे। ऐसे में जो लोग घर खरीदने के इच्छुक हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन अवसर हो सकता है।
रेफाइनेंसिंग का विकल्प
जो लोग पहले से होम लोन चुका रहे हैं, उनके लिए एक और अच्छा विकल्प रेफाइनेंसिंग का हो सकता है। रेफाइनेंसिंग का मतलब है कि मौजूदा लोन को नए कम ब्याज दर के साथ पुनः वित्तपोषित करना। यह प्रक्रिया उधारकर्ताओं को अधिक बचत करने का अवसर देती है। यदि ब्याज दरें कम हो गई हैं, तो रेफाइनेंसिंग करने से आपकी ईएमआई कम हो सकती है और आप अपने लोन को जल्दी चुकता कर सकते हैं।
कब तक मिलेगा इसका लाभ?
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कमी से मिलने वाला फायदा लंबे समय तक जारी रहेगा। हालांकि, यह भी ध्यान में रखना होगा कि बैंकों की नीतियां भी समय-समय पर बदल सकती हैं। इसलिए, अगर आप अपने होम लोन पर ब्याज दर में कमी का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने बैंक या वित्तीय संस्थान से समय-समय पर जानकारी लेते रहना चाहिए।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कमी से होम लोन के उधारकर्ताओं को एक बड़ी राहत मिली है। खासतौर पर ₹50 लाख के लोन पर यह कमी काफी बचत दे सकती है। यह वित्तीय राहत उन लोगों के लिए और भी फायदेमंद साबित हो सकती है, जिन्होंने पहले ही लोन ले रखा है। इसके अलावा, जो लोग नए होम लोन लेने का सोच रहे हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है।
अगर आप पहले से लोन चुकाते हैं, तो आप रेफाइनेंसिंग पर विचार कर सकते हैं। यदि आपके पास अच्छा क्रेडिट स्कोर है, तो आप और भी बेहतर ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं। इसलिए, इस मौके का पूरा फायदा उठाने के लिए बैंकों से संपर्क करें और अपने लोन की शर्तों का पुनर्निरीक्षण करें।