Paris AI Action Summit 2025: पेरिस में 2025 का AI एक्शन समिट आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया के कई देशों ने भाग लिया। इस समिट में भारत का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस पहुंचकर इस समिट में शिरकत की। समिट के दौरान, पीएम मोदी ने कई बड़े तकनीकी नेताओं से मुलाकात की, जिनमें गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और स्केल AI के संस्थापक और सीईओ एलेक्जेंडर वांग भी शामिल थे।
पीएम मोदी और सुंदर पिचाई की मुलाकात
पेरिस AI एक्शन समिट के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने AI उद्योग के भविष्य और इसके विकास की दिशा पर विचार-विमर्श किया। सुंदर पिचाई ने इस मुलाकात के बाद कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग भारत में तेजी से बढ़ रहा है और इसने देश के लिए शानदार अवसर उत्पन्न किए हैं। पिचाई ने कहा कि गूगल भारत के साथ मिलकर डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगा।
पिचाई ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। हम दोनों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य के बारे में चर्चा की और भारत के लिए इसके विभिन्न लाभों पर विचार किया।” इस दौरान पिचाई ने अपनी मुलाकात का एक फोटो भी अपने आधिकारिक X अकाउंट से साझा किया।
Delighted to meet with PM @narendramodi today while in Paris for the AI Action Summit. We discussed the incredible opportunities AI will bring to India and ways we can work closely together on India’s digital transformation pic.twitter.com/OXA3vfQ6OT
— Sundar Pichai (@sundarpichai) February 11, 2025
स्केल AI के CEO एलेक्जेंडर वांग से मुलाकात
इसके अलावा, पीएम मोदी ने स्केल AI के संस्थापक और सीईओ एलेक्जेंडर वांग से भी मुलाकात की। दोनों के बीच AI उद्योग के विकास और भविष्य की योजनाओं पर बातचीत हुई। वांग ने प्रधानमंत्री मोदी से यह कहा कि भारत के लिए AI का भविष्य उज्जवल है और इसमें कई संभावनाएं छिपी हुई हैं। उन्होंने बताया कि स्केल AI भारत में अपनी तकनीकी सहायता प्रदान करने को तैयार है ताकि देश में AI का विकास और विस्तार हो सके।
भारत के लिए AI के अवसर
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इस मुलाकात के दौरान कहा कि AI के क्षेत्र में भारत के लिए अपार अवसर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि AI को लेकर भारत में कई प्रकार के नवाचार हो रहे हैं, और गूगल इन नवाचारों में सहयोग करेगा। पिचाई ने बताया कि गूगल के पास AI को लेकर कुछ अहम योजनाएं हैं, जो भारत के डिजिटल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
भारत सरकार ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कई पहल की हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस में इंडिया-फ्रांस सीईओ फोरम में भी इस बात पर जोर दिया कि भारत और फ्रांस के बीच तकनीकी सहयोग से AI उद्योग को मजबूती मिल सकती है। भारत की बड़ी जनसंख्या और बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था AI के क्षेत्र में इसे एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
पेरिस AI एक्शन समिट से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया और फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि इस मंच का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी देशों के बीच नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और तकनीकी क्षेत्र में एक दूसरे के साथ काम करने के नए अवसर पैदा होंगे।
PM मोदी ने यह भी कहा कि भारत सरकार AI के क्षेत्र में एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने AI अनुसंधान और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई हैं और इसके लिए विशेष बजट भी तय किया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि AI के जरिए स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में भी सुधार संभव है।
भारत में AI का भविष्य
AI का भारत में तेजी से विकास हो रहा है, और इसे लेकर विभिन्न कंपनियां और सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। भारत सरकार ने AI के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है, जिसका उद्देश्य AI का उपयोग समाज के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाए। सरकार का लक्ष्य AI का इस्तेमाल देश में रोजगार सृजन, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, जलवायु परिवर्तन, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में करना है।
भारत में AI की शुरुआत मुख्य रूप से छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए नवाचारों और सेवाओं के रूप में हो रही है। भारतीय स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में तेजी से उभर रहे हैं और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हो रही है।
समिट के अन्य प्रमुख बिंदु
पेरिस AI एक्शन समिट में दुनियाभर के प्रमुख तकनीकी और व्यावसायिक नेता एकत्र हुए थे। समिट में AI के भविष्य, इसके व्यावसायिक उपयोग, और दुनिया भर में इसके विकास पर चर्चा की गई। समिट के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि AI का विकास केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
समिट के अंतिम सत्र में दुनिया भर के विभिन्न देशों ने AI के विकास के लिए अपने दृष्टिकोण और रणनीतियों का आदान-प्रदान किया। भारत ने इस समिट में अपने AI अनुसंधान, नीति निर्माण और वैश्विक सहयोग के दृष्टिकोण को साझा किया।
पेरिस AI एक्शन समिट 2025 ने AI के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है। भारत, जो पहले से ही डिजिटल परिवर्तन की दिशा में अग्रसर है, अब AI के क्षेत्र में भी अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई जैसे प्रमुख नेताओं के बीच हुई बैठक से यह साफ हो गया कि भारत और गूगल के बीच AI क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों से भारत के डिजिटल भविष्य को और भी मजबूती मिलेगी।
इस समिट ने AI के वैश्विक महत्व को और बढ़ा दिया है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे भारत इस तकनीक को अपनी विकास यात्रा में शामिल करता है और इसके जरिए वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचता है।